क्या कहेंगे इसे कांवड़ियों की आस्था या आतंक ?
भोले शंकर, भोले शंकर ने सृष्टि को बचाने के लिए जहर पी लिया था यही नहीं भोले बाबा ने उनका बुरा चाहने वालों को भी उन्होंने अमृतवे का वरदान तक दे दिया था शायद इसीलिए उन्हें भोले बाबा कहा जाता है और भोले बाबा की हर साल धूमधाम से बनाए जाने वाली कावड़ यात्रा जो की भोले बाबा के भक्तो की सबसे बड़ी यात्रा के रूप में देखा जाता है परंतु आज भोले के भक्तों ने कावड़ के नाम पर आतंक मचा रखा सड़कों पर चलने वाले कांवड़ियों से लोग डरने लगे हैं गलती से भी यदि कोई वाहन उन को छू जाए तो मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं प्रशासन भी इनके आगे घुटने टेकने को मजबूर है ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब आस्था के नाम पर एक बार फिर दिल्ली में कांवड़ियों की गुंडागर्दी देखने को मिली। दिल्ली के मोती नगर इलाके में कावड़ियों सड़क हादसे के बाद खूब हंगामा किया और इसके बाद कार के साथ तोड़ फोड़ की।
सेंट्रो कार एक कांवड़िये को हल्की छू गई इतने में बाकी के कावड़ियों ने लाठी- डंडे से पूरी कार को तोड़ डाला, वो भी पुलिस की मौजूदगी में. कार में एक महिला और एक पुरुष मौजूद थे. दोनों को कोई चोट नहीं
दरअसल मंगलवार को एक कांवड़िये को कार से चोट लग गई। इस पर कांवड़ियों ने एक जुट होकर कार पर लाठी डंडें बरसाने शुरू कर दिए। इस घटना के चलते सड़क पर आ जा रहे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी और रास्ता जाम कर दिया गया। इसके बाद भी कांवड़ियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने कार को रोड़ पर पलट दिया। मामले को शांत करने के लिए मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी कावड़ियों की गुंडागर्दी के सामने बेबस नजर आए। क्या इसी को भक्ति कहा जाता है ?