दरोगा सुबोध कुमार सिंह हत्या की पूरी कहानी।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ ने दिनदिहाड़े दरोगा सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी. जिन एसएचओ सुबोध कुमार सिंह को भीड़ ने हत्या की है , उन्होंने दादरी में हुए मुहम्मद अखलाक की मॉब लिंचिंग की भी जांच की थी. कितना खौफनाक संयोग है. भीड़ के हाथों हुई एक हत्या की जांच करने वाला पुलिस अधिकारी खुद भी भीड़ के हाथों हत्या हुई।
दरसल में 3 दिसंबर, 2018 की सुबह तकरीबन 10 बजे का वक्त होगा. बुलंदशहर में एक स्याना नाम का गांव है. यहां थोड़ा जंगल वाला इलाका है. यहीं पर वो दो गांव- महुआ और चिंगरावटी हैं, जहां के लोगों को जंगल में जानवरों का कंकाल दिखा. लोगों को शक हुआ कि शायद गाय मारी गई है. उन्होंने स्याना पुलिस चौकी को खबर की. पुलिस महाब गांव पहुंची. वहां 50-60 से ज्यादा की भीड़ जमा थी. लोग नाराज हो रहे थे. कह रहे थे कि पुलिस कुछ करती नहीं है. पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी. इसी बात को लेकर गांववालों की पुलिस टीम में बहसबाजी शुरू हो गई . इसके कुछ देर बाद, दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे एक भीड़ चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंची. जानवरों के जो हिस्से जंगल में मिले थे, लोग उन्हें ट्रैक्टर पर लादकर चौकी के सामने पहुंचे थे. उन्होंने चौकी का घेराव किया. स्याना के थाना प्रभारी सुबोध कुमार सिंह अपने साथ कुछ पुलिसवालों को लेकर वहां पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इस मामले में FIR भी दर्ज कर ली.
परन्तु FIR दर्ज किए जाने के बाद भी भीड़ वहां से नहीं हटी. लोगों ने चौकी के सामने की सड़क को ब्लॉक कर दिया. ये हाइवे बुलंदशहर की तरफ जाता है. पुलिस वाले लाउडस्पीकर पर ऐलान करते रहे कि जानवरों के कंकाल मिलने के मामले में कार्रवाई की जाएगी. लेकिन भीड़ कुछ मानने को राजी ही नहीं थी. इसी बीच भीड़ के कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. पुलिस ने हवा में फायरिंग करके भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. इसपर भीड़ पहले से ज्यादा उग्र हो गई. भीड़ के पास लाठी-डंडा के साथ साथ असले से पुलिस वालो पर हमला कर दिया . उन्होंने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी और गोलिया चलना शुरू कर दी. वो लोग हिंसा की पूरी तैयारी करके आए थे. पुलिस की टीम ने पहले चौकी में घुसकर जान बचाने की कोशिश की. मगर भीड़ ने चौकी पर भी हमला कर दिया. भीड़ ने ‘मारो-मारो’ का शोर मचाते हुए चौकी में आग लगा दी.और इस तरह भीड़ ने एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की हत्या की
बताया जा रहा है कि भीड़ की तरफ तकरीबन 400 के करीब लोग थे. इन्होंने जब चौकी में आग लगाई, उसके बाद पुलिस के लोग बाहर की तरफ भागे. भीड़ उनपर ईंट-पत्थर फेंक रही थी. भीड़ की चलाई गोली एसएचओ सुबोध कुमार सिंह को लग चुकी थी. वो घायल हो गए थे. जान बचाने के लिए वो पास के खेतों की तरफ भागे. ये सब देखकर पुलिस के ड्राइवर राम आश्रय गाड़ी लेकर खेतों की तरफ गए. ताकि एसएचओ को गाड़ी में बिठाकर अस्पताल ले जा सके. एसएचओ सुबोध बेहद जख्मी हालत में जमीन पर पड़े थे. राम आश्रय ने उन्हें गाड़ी में रखा. मगर ‘मारो-मारो’ का नारा लगाते हुए भीड़ ने उस गाड़ी पर भी हमला कर दिया. और इस तरह भीड़ ने सुबोध कुमार सिंह की जान ले ली.
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