बाबा विरेंद्र देव दिक्षित को नहीं ढूंढ पाई CBI !
दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम से दो बार 41, 41 लड़कियों को छुड़वाया गया, इनके आश्रमों का इतिहास 19 साल पुराना है। आश्रम के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित का कंपिल में गंगा रोड स्थित आध्यात्मिक ईश्वरीय विद्यालय 1998 में पहली बार चर्चा में आया था।
वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में कोलकाता से लाई गई युवती को बंधक बनाने और उसके साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ यौन उत्पीड़न, पुलिस से मुठभेड़ समेत अन्य संगीन धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं।
बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ शिकायत होते ही वो अभी तक फरार है पहले पुलिस और अब सीबीआई भी आध्यात्मिक आश्रम के संचालक व कथित बाबा विरेंद्र देव दिक्षित का पता लगाने में नाकाम रहने पर सीबीआई को हाई कोर्ट ने आड़े हाथों लिया हाई कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह क्या कर रही है आखिर क्यों सीबीआई बाबा को ढूंढने में नाकाम हो रही है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी कामेश्वर राव की बेंच ने सीबीआई को यह बताने के लिए कहा की दिक्षित पर लगे दुष्कर्म के आरोप की जांच कहां तक पहुंची। इसी बारे में हाई कोर्ट की अगली सुनवाई की तारीख 4 फरवरी को साडी रिपोर्ट डिटेल देने को कहा है। हाई कोर्ट ने कहा की छापेमारी के दौरान पुलिस और सरकारी अधिकारियो के काम काज में रुकावट डालने के मुक़दमे में आरोपी बनाई गई आश्रम की महिलाओं ने माफी मांगी है। हाईकोर्ट ने रोहणी जिले के डीजीपी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को भी कहा गया है। अब देखना ये है की सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी क्या बाबा को पकड़ पति है या नहीं , या सीबीआई अपने आपसी झगड़ो को निपटने के चक्कर में और केसो के बारे में भूल गई है।
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