बाल मजदूरी एक बुराई व देश के लिये अभिशाप – विजय सिन्हा
श्रम मंत्री विजय सिन्हा ने कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए बताया कि देश व प्रदेश की सरकारे बाल मजदूरी ख़त्म करने के लिये लगातार काम कर रही है लेकिन आज भी बाल मजदूरी देश के लिये अभिशाप बनी हुई हैं इसी मुद्दे को लेकर बिहार कैबिनेट की मीटिंग हुई जिसमें ऐसी समस्याओ को जड से ख़त्म करने की रणनीति बनाने पर बात हुई |भारतीय संविधान व कानून के अनुसार देश में नौकरी करने की कम से कम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गयी हैं और अधिकतम आयु नौकरी के लिये 62 वर्ष निर्धारित की गयी है लेकिन कुछ राज्यो मे रिटायरमेंट की आयु अलग अलग है जिस तरह बिहार राज्य मे इंजीनियरिंग तथा पोलिटैकनिक अध्यापको के रिटायरमैंट की आयु बिहार सरकार ने कैबिनेट मे प्रस्ताव पास करके 31 जुलाई 2012 से 65 वर्ष निर्धारित कर दी थी इसके अलावा सभी सरकारी , गैरसरकारी अथवा सीमावर्ती (Co-terminous) नौकरी पर कानूनी तौर से 62 वर्ष की आयु तक काम कर सकते हैं इसके बाद कानूनन रिटायरमैंट हो जाता है | आयु का यह नियम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गवर्नर , मंत्री, सांसद, चेयरमैन, विधायक आदि पर लागू नही होता | आयु का नियम कोई भी नौकरी करने वाले पुरुषों व महिलाओं पर लागू होता है प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति भी किसी को आयु सीमा के अनुसार ही ऩौकरी पर रख सकते हैं | व्रद्धावस्था में किसी से काम कराना व्रद्ध शोषण कहलाता है तथा 18 वर्ष से कम आयु में काम कराना बाल मजदूरी कहलाता है जोकि कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है |