भूखमरी से त्रस्त अंधे माँ बेटा मांगे रहे है मौत
योजनाओ का इंतजार करते-करते थक गई आखे ,सरकार से मदद की दरकार
धरियावद –सरकारी योजनाओ का इंतजार करते करते आखे थक गई हे योजनाओ का फायदा कब पहुचेगा यह तो पता नही लेकिन अभी एक वक्त की रोटी भी नसीब नही हो पा रही हे कभी खाना मिले तो ठीक हे अन्यथा भूखा ही सोना पड़ता हे किसी से एक दो किलो ग्राम अनाज मांगकर घर का गुजारा करने वाला यह परिवार इन दिनों भूखा मरता मोत मांग रहा हे
यह व्यथा धरियावद उपखंड के लोडी मांडवी के अलात फला में टूटी झोपडी में रहने वाली अंधी बुजुर्ग माँ 75 वषीय राधकी मीणा और बेटे की है। आप को बता दे की माँ और एक बेटा अँधा हे और दो पुत्र विकलाग है।
जिन्दगी से परेशान होकर भगवान से मांगे रहे है मौत, सरकार की योजनाओ से इनकी दहलीज आज भी सुनी हे न घर पर बिजली हे न ही राशन सामग्री रोज भगवन से कहते है भगवान मोत दे दो
बुजुर्ग राधकी मीणा का खाता बेंक ऑफ़ बडोदा में हे स्तिथि में सुधार के लिए हर वह कार्य किया जो जिम्मेदारो ने बताया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हे अंधी राधकी ने बताया की एक पुत्र अँधा हे अवं दो पुत्र हाथो से विकलाग जिससे सरकार की महत्वकांशी योजना भामाशाह एवम आधार कार्ड भी नही बन रहे हे एवम बीपीएल के राशन कार्ड से 35 किलो ग्राम गेहू मिलता जिससे गुजरा नही हो पाता
सच की रफ्तार न्यूज की टीम को देखते ही विकलाग व अंधे माँ –बेटे बोल पड़े कुछ खाना लाये हो भूख लगी हे
उनसे पूछा गया की आज खाना खाया या नही तो अन्धे माँ-बेटे बोल पड़े की की घर में पांच दिनों से से राशन सामग्री नही हे
उनकी व्यथा सुनकर मन झकझोर उठा और यह सवाल उठने लगा की की सबका साथ-सबका विकाश की डींगे हाकने वाली सरकार कहा हे कहा हे सरकार के नुमाइन्दे जो अपने श्रेत्र को खुशहाल होने की बात कहकर वाहवाही लुटने में लगे हे
अब देखना यह है कि सरकार 8 अगस्त को मुख्यमंत्री बसुंधरा राजे जी की गौरव यात्रा से पहले इनकी समस्याओं का निस्तारण करती है या नही
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